28/11/2010 12:27
दक्षिणी ध्रुव पर तिरंगा फहराकर रसिक रवींद्र की टीम ने वह कारनामा कर दिखाया है, जिसे आज से पहले किसी भारतीय दल ने नहीं किया था। उनका यह सफर कितना मुश्किल रहा होगा, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2,300 किलोमीटर की बर्फीली यात्रा के दौरान उन्हें 200 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा की रफ्तार से बहने वाली सर्द हवाओं से जूझना पड़ा। बहरहाल पिछले 29 वर्ष से अंटार्कटिक में चल रहे भारतीय अभियान का यह एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
दक्षिणी ध्रुव पर भारतीय अभियान की शुरुआत 1981 से हुई, जब कुछ...